I have tried to reflect tender love and breaks of adolescent age in following lines:
नर्म सोंधी सी निर्दोष
मिटटी पर खिला
एक कोमल अंकुर-
मेरा प्यार.
धुप कुछ तेज खिल गयी,
वो घबरा गयी,
चली गयी.
जमीन कड़ी हो
चटक गयी,और
अंकुर मुरझा गया.
नर्म सोंधी सी निर्दोष
मिटटी पर खिला
एक कोमल अंकुर-
मेरा प्यार.
धुप कुछ तेज खिल गयी,
वो घबरा गयी,
चली गयी.
जमीन कड़ी हो
चटक गयी,और
अंकुर मुरझा गया.
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