Life has always been tough to live,but when my friend left ,feelings and memories trailed behind....
" पल पल पिघलते
जीवन के सफ़र में ,
वक्त गुजरता रहा.
दिन ढलने के बाद
रातो की स्याही के सिवा
कुछ भी न रहा .
उन खामोश लम्हों के बीच
न तुम, तुम रहे
न हम ,हम रहे
सिर्फ अहसासों के बोझ
के सिवा और क्या रहा?
बोलो,
तुम ही कुछ बोलो !!"