Life has always been tough to live,but when my friend left ,feelings and memories trailed behind....
" पल पल पिघलते
जीवन के सफ़र में ,
वक्त गुजरता रहा.
दिन ढलने के बाद
रातो की स्याही के सिवा
कुछ भी न रहा .
उन खामोश लम्हों के बीच
न तुम, तुम रहे
न हम ,हम रहे
सिर्फ अहसासों के बोझ
के सिवा और क्या रहा?
बोलो,
तुम ही कुछ बोलो !!"
very touchy...
ReplyDeletethanks,
DeleteSad! Small and well told.
ReplyDeleteyes madam,it is sad but the smaller the better!
ReplyDeletesad! the smaller the better!...thanks indrani ji.
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